Add To collaction

पितर (पुरखा)

दिनांक 13/10/23  

         चौपाई
     पितर (पुरखा)

 शाश्वत में पानी को तरसे  ।
तर्पण से उन पर जल  बरसे  ।

बासी भोजन मुश्किल होता ।
पूरी खीर खिलाकर सोता  ।

कौवे पाते छप्पन भोगा ।
 पुरखा तृप्ति बताते लोगा  ।

जीते भार बताये जाते ।
तारे श्राद्ध  कराये जाते  ।।

अनजान अनोखी अनदेखी  ।
दुनिया कहती सब जग देखी 

स्वरचित
 डॉक्टर आर बी पटेल "अनजान"
 छतरपुर मध्य प्रदेश।

   3
1 Comments

Mohammed urooj khan

16-Oct-2023 12:49 AM

👌👌👌👌👌

Reply